रात होती है तो
यूँ लगता है..
लो
बिछड़ने का वक़्त हो आया..
अब के जाकर मिले थे डाल पे और..
अब के उड़ने का वक़्त हो आया..
रात होती है तो
यूँ लगता है.....
रात होती है तो
यूँ लगता है..
जाने कैसे
कटेगी अब ये बला..
वक़्त दिन भर का
थका हारा सा..
कौन जाने के फिर चला
न चला..
रात होती है तो
यूँ लगता है.....
रात होती है तो
यूँ लगता है..
कितनी रातों का
और होना है..
कितने ख्वाबों
को पंख लगने हैं..
कितना सांसों
का शोर होना है..
रात होती है तो
यूँ लगता है.....
-सोनित
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