अकेला था तो मैं इस भीड़ में खोने से डरता था...
अभी तू साथ है मेरे..तुझे खोने से डरता हूँ...
कहाँ कल तक हमें बस फ़िक्र अपने आसुओं की थी...
कहाँ अब आजकल मैं बस तेरे रोने से डरता हूँ...
तुझे जब भूलना चाहूं तो तेरे ख्वाब आते है...
मुझे भी नींद आती है..मगर सोने से डरता हूँ...
तुझे पाने की चाहत में जिया हर एक लम्हा है...
मगर मजबूर हूँ कितना..तेरा होने से डरता हूँ...
-सोनित
आप तथा आपके परिवार के लिए नववर्ष की हार्दिक मंगल कामनाएं
ReplyDeleteआपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 02-01-2012 को सोमवारीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ
कहाँ कल तक हमें बस फ़िक्र अपने आसुओं की थी...
ReplyDeleteकहाँ अब आजकल मैं बस तेरे रोने से डरता हूँ...
VAH SUNDAR PRASTUTI BADHAI
gafil ji nav varsh me meri rachna ko charcha manch me sthan dene k liye atyant shukriya..naveen ji aapko bhi dhanyvad evem aap dono ko nav varsh ki hardik badhai...
ReplyDeleteअकेला था तो मैं इस भीड़ में खोने से डरता था...
ReplyDeleteअभी तू साथ है मेरे..तुझे खोने से डरता हूँ...
कहाँ कल तक हमें बस फ़िक्र अपने आसुओं की थी...
कहाँ अब आजकल मैं बस तेरे रोने से डरता हूँ...
दिल को छु गयी बहोत ही सुन्दर लिखा हैं | अच लगा आपके घर आकर बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
आप तथा आपके परिवार के लिए नववर्ष की हार्दिक मंगल कामनाएं
मेरा शौक
मेरे पोस्ट में आपका इंतजार है,नई रोशनी में सारा जग जगमगा गया |
darne se kaam agar chaltaa
ReplyDeletekoi pahaadon kee chotiyon ko nahee chhootaa
naa hee chaand kee zameen ko choomtaa
ab darnaa band karo
ummeed aur vishvaas khud par rakho
jeevan jaise aaye hanste hanste jiyo
beautiful..nice :)
ReplyDeleteबहुत खूब।
ReplyDeleteअकेला था तो मैं इस भीड़ में खोने से डरता था...
ReplyDeleteअभी तू साथ है मेरे..तुझे खोने से डरता हूँ...
अति सुन्दर,शुभकामनायें
तुझे जब भूलना चाहूं तो तेरे ख्वाब आते है...
Deleteमुझे भी नींद आती है..मगर सोने से डरता हूँ..अति सुन्दर.