जय हिंद ...
यहाँ जिस्म ढकने की जद्दोजहद में...
मरते हैं लाखों... कफ़न सीते सीते...
जरा गौर से उनके चेहरों को देखो...
हसते हैं कैसे जहर पीते पीते...
वो अपने हक से मुखातिब नहीं हैं...
नहीं बात ऐसी जरा भी नहीं है...
उन्हें ऐसे जीने की आदत पड़ी है...
यहाँ जिन्दगी सौ बरस जीते जीते...
कल देश में हर जगह जश्न होगा...
वादे तुम्हारे समां बांध देंगे...
मगर मुफलिसों की बड़ी भीड़ कल भी...
खड़ी ही रहेगी तपन सहते सहते...
"जय हिंद"-सोनित
यहाँ जिस्म ढकने की जद्दोजहद में...
ReplyDeleteमरते हैं लाखों... कफ़न सीते सीते...
....बहुत सटीक और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति..बहुत सुन्दर
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ReplyDeleteसुन्दर और सार्थक रचना ,बहुत खूबसूरत पोस्ट आभार
ReplyDeleteभारतीय स्वाधीनता दिवस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं .
आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 15-08-2011 को चर्चा मंच http://charchamanch.blogspot.com/ पर भी होगी। सूचनार्थ
ReplyDeleteधन्यवाद...सभी को स्वतंत्रता दिवस की हर्दिक शुभकामनाए......
ReplyDeleteसचाई से कोई भी ज्यादा देर तक मुहं नहीं फेर सकता
ReplyDeleteजाने यह वास्तविक भारत की तस्वीर कब बदलेगी...बेहद मर्मस्पर्शी रचना
सार्थक प्रस्तुति और स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
सहज सुन्दर भाव लिए अभिव्यक्ति |
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने के लिए आभार |
आशा
बहुत सहज, सार्थक प्रभावी प्रस्तुति...
ReplyDeleteसच्चाई से मुलाक़ात कराती रचना...
राष्ट्र पर्व की सादर बधाई...
Sabhi ka bhut bhut aabhar...
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार "सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया"की तरफ से भारत के सबसे बड़े गौरक्षक भगवान श्री कृष्ण के जनमाष्टमी के पावन अवसर पर बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें लेकिन इसके साथ ही आज प्रण करें कि गौ माता की रक्षा करेएंगे और गौ माता की ह्त्या का विरोध करेएंगे!
ReplyDeleteमेरा उदेसीय सिर्फ इतना है की
गौ माता की ह्त्या बंद हो और कुछ नहीं !
आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आभरी हूँ
आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
सबकी मनोकामना पूर्ण हो .. जन्माष्टमी की आपको भी बहुत बहुत शुभकामनायें
वाह आज भी यही नजारा है। पर कुछ तो हम भी करें सब सरकार पर ना छोडें।
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आशा जी.. हर अच्छी चीज की शुरुआत हमें खुद से ही करनी होगी..बहुत बहुत धन्यवाद.
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