मैं जब कभी दुनिया की चकाचौंध से थककर बैठ जाता हूँ
पाता हूँ तुम्हें अपने करीब
हाँ सिर्फ तुम्हे
अपने करीब एक विश्वाश की तरह
जो तेरी मुस्कुराहटों में छुपा होता है
अपने करीब एक एहसाह की तरह
जो हर एहसास से जुदा होता है
अपने करीब हर उस श्वाश की तरह
जो हर वक़्त जिंदगी परोसती है मुझे
मैं पाता हूँ तुम्हे अपने करीब
हाँ सिर्फ तुम्हे..
@सोनित
@सोनित
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